भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था? | Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha

दोस्तों अगर आप एक प्रतियोगी परीक्षार्थी हैं, तो आपने कहीं न कहीं या किसी प्रश्नपत्र में ये प्रश्न Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha (भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था?) जरूर देखा होगा। और देखों भी क्यों नहीं क्योंकि ये प्रश्न भारत के उस दौर के इतिहास से बनता हैं, जहाँ से सम्पूर्ण भारत की राजनीति एक नया मोड़ लेती हैं।

इसलिए किसी भी एग्जाम को पास करने के लिए आपको इतिहास को समझना जरूरी हैं, क्योंकि प्रत्येक एग्जाम में इतिहास से काफी सारे प्रश्न पूछे जाते हैं, तो आइये आज के इस आर्टिकल की मदद से आप Who was the first Governor-General of India डिटेल में जानेंगे और वो भी विल्कुल आसान भाषा में।

इसी के साथ में हम कुछ भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे? (Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha) इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर भी विचार विमर्श करेंगे, जोकि आपकी परीक्षा की दृष्टि महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। तो आइये जानते हैं, कि Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha.

Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha

भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था? | Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha

भारत के पहले गर्वनर जनरल बिलियम बैंटिक (1828-1835) थे। 31 दिसंबर 1600 में रानी इलिजाबेथ के द्वारा रॉयल चार्टर कम्पनी को दिया गया। जिसके पश्चात कंपनी ने व्यापारिक उद्देश्य से अपने कुछ कारखाने भारत में आकर लगाए, लेकिन ईस्ट इंडिया कम्पनी व्यापार ही नहीं बल्कि राजनैतिक हस्तक्षेप भी करने लगी और देखते ही देखते वह व्यापारिक शक्ति से सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति के रूप में बदल गयी।

अर्थात 1800 तक आते आते ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के बहुत से ईलाकों को फतह कर अपना कब्जा जमा लिया और एक बड़ी राजनीतिक शक्ती के रूप में पैर जमा लिए।

इसी के चलते जो पदनाम पहले बंगाल का गवर्नर जनरल (Governor General of Bengal) के रूप में जाना जाता था। वह अब पूरे भारत पर स्थापत्य होने के बाद चार्टर एक्ट 1833 के द्वारा बदलकर ‘भारत का गवर्नर जनरल’ (Governor General of India) दिया गया और भारत के पहले गवर्नर जनरल के रूप में बिलियम बैंटिक (William Bentinck) को नियुक्त किया गया।

द्वैध शासन के गुण और दोष, द्वैध शासन प्रणाली (Diarchy System)

इस प्रकार चार्चर एक्ट 1833 द्वारा देश की शासन प्रणाली का केन्द्रीकरण कर दिया गया। इस पद का सृजन वास्तव में प्रशासनिक कार्यों के लिये था। और इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स को रिपोर्ट करनी होती हैं, अर्थात गवर्नर जनरल को पूरे भारत के लिए कानून बनाने का अधिकार प्रदान किया गया था, किन्तु नियंत्रक-मंडक इस कानून को अस्वीकृत कर स्वयं कानून बना सकता था।

बिलियम बैंटिक से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

  • लॉर्ड बिलियम बैंटिक को भारत में महत्वपूर्ण सामाजिक और शैक्षिक सुधारों के लिए श्रेय दिया जाता हैं।
  • इसी के साथ लॉर्ड बिलियम बैंटिक ने सति प्रथा को समाप्त किया।
  • इन्होंने शिशुहत्या और बाल बलि के साथ ठगी प्रथा को भी दबाया।
  • इसके अतिरिक्त बिलियम बैंटिक ने अपने शासन काल में 1835 का अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम प्रस्तावित किया तथा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कोलकाता की स्थापना की गई थी।
  • इन्हीं के शासन काल में वाराणसी के घाटों पर महिलाओं के दाह संस्कार पर रोक लगाई गई तथा कन्या भ्रूण हत्या, और मानव बलि का दमन भी किया गया।

मौलिक अधिकार (भाग-3, अनुच्छेद 12 से 35 तक)

दोस्तों अक्सर परीक्षार्थी बंगाल का गर्वनर, बंगाल का गवर्नर जनरल, भारत का गवर्नर और भारत का वायसराय कौन हैं। इन शब्दों से परेशान होते हैं, और इन शब्दों में उलझे रहते हैं, तो आइये इनके बारे में भी जानते हैं।

भारत के अन्य पद एवं प्रथम पदाधिकारी

  • बंगाल का गवर्नर: सर्वप्रथम जब ब्रिटिश भारत आए तो उन्होंने बंगाल पर अपना वर्चस्व स्थापित किया तो उसका शासन चलाने के लिए बंगाल का गवर्नर (Governor of Bengal) नामक पद बनाया। प्रथम बंगाल का गवर्नर ‘रॉबर्ट क्लाइव’ (Robert Clive) को नियुक्त किया।
  • बंगाल का गवर्नर-जनरल (1773-1833): 1773 तक आते आते कंपनी ने भारत के कुछ हिस्सों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। इसी के चलते कंपनी में कुछ दोष आ गये थे। जिसके चलते ब्रटिश सरकार को 1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट पारित करना पड़ा। 1773 के रेग्यूलेटिंग एक्ट के द्वारा बंगाल का गवर्नर पद को बदलकर बंगाल का गवर्नर जनरल कर दिया गया तथा वारेन हेस्टिंग (1772-1785) को पहला बंगाल का गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया।
  • भारत का गवर्नर जनरल: 1833 तक आते आते कंपनी के द्वारा सम्पूर्ण भारत पर स्थापत्य होने के पश्चात् 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल का गवर्नर जनरल पद को बदलकर भारत का गवर्नर जनरल पद बना दिया गया। बिलियम बैंटिक (1828-1835) को प्रथम भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया।
  • भारत का वायसराय: 1857 के विद्रोह के पश्चात् ब्रिटिश क्राउन ने भारत को सीधे अपने नियंत्रण में ले लिया। भारत सरकार अधिनियम 1858 पारित किया गया। जिसके अन्तर्गत भारत का गवर्नर जनरल पद को भारत का वायसराय पद के रूप में बदल दिया गया। भारत का वायसराय ब्रिटिश क्राउन का प्रतिनिधि होता था, अर्थात इसको सीधे ब्रिटिश क्राउन ने ही नियुक्त किया था। भारत का प्रथम वायसराय लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) था।

Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha FAQs

प्र0- ब्रिटिश भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे?

उ0- ब्रिटिश भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड बिलियम बैंटिक थे।

प्र0- भारत के अंतिम गवर्नर जनरल कौन थे?

उ0- चक्रवर्ती राजगोपालाचारी आजादी के बाद भारत के पहले स्वतंत्र और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल थे।

प्र0- स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे?

उ0- स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटेन थे और यह अंतिम वायसराय भी थे।

बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था?

बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग था।

आज आपने क्या सीखा

हमने आज की इस पोस्ट के माध्यम से भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था? (Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha) के बारे में विस्तार से जाना। साथ ही बिलियम बैंटिक से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों तथा भारत के अन्य पद एवं पदाधिकारियों पर भी चर्चा की, जोकि आपकी परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी साबित हो सकते हैं।

उम्मीद हैं, कि आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी होगी। अगर आपको हमारे द्वारा किया गया प्रयास पसंद आया तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजियेगा ताकि वो भी जान सकें कि Bharat Ka Pratham Governor General Kaun Tha.

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