भारतीय संविधान के विदेशी स्रोत: विश्व की प्रमुख संवैधानिक व्यवस्था से लिए गए प्रमुख उपबन्ध

भारतीय संविधान के विदेशी स्रोत

भारतीय संविधान के विदेशी स्रोत (Major Sources of Indian Constitution) केंद्र और राज्य संबंधो  का विस्तार से वर्णन (भाग -11 के अन्तर्गत) भारत के नागरिको को कितने भागों में रखा गया हैं? भारत के नागरिको को दो भागों में रखा गया हैं। परिसंघ क्या हैं? संघ(Federation) क्या हैं? एकात्मक संघ किसे कहते हैं? भारत में …

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भारत सरकार अधिनियम 1935 की विशेषताएं, आलोचना एवं महत्व – My Hindi GK

भारत शासन अधिनियम 1935

भारत सरकार अधिनियम 1935 (Government of India Act 1935) : नेहरू रिपोर्ट के विरोध में जिन्ना ने अपनी 14 सूत्री माँग 29 मार्च 1929 को पेश किया। इसके पश्चात ब्रिटेन में 1930 में प्रथम, 1931 द्वितीय तथा 1932 में तृतीय गोलमेज सम्मेलन आयोजन, संबैधानिक सुधारों पर विचार हेतु किया गया। अत: ब्रिटिश सरकार ने 1933 …

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भारत सरकार अधिनियम 1919 के उद्देश्य, गुण और दोष (Government of India Act 1919)

भारत सरकार अधिनियम 1919

भारत सरकार अधिनियम 1919 की प्रष्ठभूमि भारत सरकार अधिनियम 1919 भारतीयों के स्वशासन की माँग को पूर्ण न कर सका। साम्प्रदायिक आधार पर मतदान प्रणाली की नीति से उत्पन्न असंतोष, 1916 में कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग के मध्य समझौता, 1916-17 में प्रकाशित मेसोपोटामियाँ आयोग की रिपोर्ट में अंग्रेजों को भारत में शासन के लिए अक्षम बताया …

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भारत परिषद अधिनियम 1909 (मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम) – My Hindi GK

भारत परिषद अधिनियम 1909

भारत परिषद अधिनियम 1909 भारत परिषद अधिनियम 1909 (Indian Council Act 1909): इस भारत परिषद अधिनियम 1909 को तत्कालीन भारत सचिव (मॉर्ले) तथा वायसराय (मिन्टो) के नाम पर “मार्ले-मिन्टो सुधार अधिनियम” भी कहा जाता हैं। सर अरुण्डेल समिति की रिपोर्ट के आधार पर इसे फरवरी 1909 में पारित किया गया था। भारत परिषद अधिनियम 1909 (मार्ले-मिन्टो …

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चार्टर एक्ट 1858, 1861 तथा 1892 की पूरी जानकारी – My Hindi GK

चार्टर एक्ट 1858

चार्टर एक्ट, 1858 (भारत सकार अधिनियम) चार्टर एक्ट 1858 लॉर्ड पामर्स्टन (Lord Palmerston) ने 12 फरवरी, 1858 ई0 को भारत में दोहरे शासन के दोषों को दूर करने के लिए एक विधेयक संसद के सम्मुख प्रस्तुत किया। किन्तु कतिपय कारणों से पामर्स्टन को त्यागपत्र देना पड़ा। इसके पश्चात् लॉर्ड जरबी (Lord Derby) प्रधानमंत्री बने। उनके …

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चार्टर एक्ट 1853 के उद्देश्य, गुण और दोष (Charter Act 1853 in Hindi ) – My Hindi GK

चार्टर एक्ट 1853

1853 के चार्टर अधिनियम का इतिहास चार्टर एक्ट 1853 भारतीयों द्वारा कम्पनी के प्रतिक्रियावादी शासन के समाप्ति की माँग तथा गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी द्वारा कम्पनी के शासन में सुधार हेतु प्रस्तुत रिपोर्ट के सन्दर्भ में पारित किया गया था। इस 1853 के चार्टर अधिनियम द्वारा विधायी कार्यों को प्रशासनिक कार्यों से अलग करने की …

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Charter Act 1833 in Hindi – चार्टर एक्ट 1833 की पूरी जानकारी

Charter Act 1833 in Hindi

Charter Act 1833 in Hindi (चार्टर एक्ट 1833) से पहले भारत में कम्पनी के साम्राज्य में काफी वृद्धि हुई, जिस पर समुचित नियन्त्रण स्थापित करने के लिए ब्रिटिश संसद ने इससे पहले 1814, 1823, तथा 1829 में अधिनियम द्वारा कम्पनी को कुछ अधिकार प्रदान किया। किन्तु ये अधिनियम वांछित सफलता न दे सके। अत: चार्टर …

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रेग्युलेटिंग एक्ट 1773 के उद्देश्य, गुण और दोष (Regulating Act 1773)

रेग्युलेटिंग एक्ट 1773

रेग्युलेटिंग एक्ट 1773 (Regulating Act, 1773) ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित एक महत्वपूर्ण कानून था जिसका उद्देश्य ब्रिटिश भारत के प्रशासन में सुधार करना था। यह अधिनियम एक गवर्नर-जनरल के तहत बंगाल, बॉम्बे और मद्रास के तीन प्रेसीडेंसी के प्रशासन को केंद्रीकृत करने की दिशा में पहला कदम था। इस पोस्ट में 1773 के विनियमन अधिनियम …

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