यमुना नदी की लंबाई कितनी हैं? | Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai

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Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai: दोस्तों अगर आप भारतीय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे तो अक्सर परीक्षाओं में यमुना नदी की लंबाई कितनी हैं? (Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai) ये प्रश्न पूछा जाता हैं, तो इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आगे पढ़ते रहे।

यमुना नादी भारत में सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है, जो कई राज्यों से होकर गुजरती है और लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा के रूप में सेवा प्रदान करती है। यमुना नदी की लंबाई लगभग 1,376 किलोमीटर है, जो इसे गंगा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी बनाती है।

यमुना नदी हिमालय में यमुनेत्री ग्लेशियर से निकलती हैं और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के राज्यों से गुजरती है, जो कि प्रयागराज (इलाहाबद) में गंगा के साथ विलय कर जाती हैं। विभिन्न पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भी यमुना नदी भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है, जो देश की धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai

Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai

यमुना नदी की लंबाई कितनी हैं? | Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai

Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai: यह नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी हैं और यह गंगा नदी तंत्र में अपना बहुत बड़ा योगदान देती हैं। यमुना नदी की लंबाई इसके श्रोत से लेकर मुहाने तक लगभग 1,376 किलो मीटर हैं। यमुना नदी की औसत गहराई लगभग 10 फीट (3 मीटर) और अधिकतम गहराई 35 फीट (11 मीटर) तक है। दिल्ली के निकट नदी में अधिकतम गहराई 68 फीट (50 मीटर) है वहीं आगरा में, यह गहराई 3 फुट (1 मीटर) तक हैं।

दोस्तों नदी की गहराई और चौड़ाई अलग अलग हो सकती हैं, क्योंकि कोई भी नदी कहीं कम चोड़ी और कहीं ज्यादा हो जाती हैं। इसलिए गहराई और चौड़ाई अलग अलग हो जाती हैं। लेकिन परीक्षा की दृष्टि से अक्सर जो पूछा जाता हैं आपको ऊपर बता दिया गया हैं।

यमुना नदी प्रयागराज में जहाँ गंगा नदी में आकर गिरती हैं, उस स्थान को संगम कहा जाता हैं, क्योंकि प्रयाग राज में गंगा, यमुना, और सरस्वती नदी का संगम होता हैं। इसलिए इस स्थान को गंगा यमुना सरस्वती का संगम भी कहते हैं।

Yamuna Nadi Ka Dusra Naam Kya Hai

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं, कि यमुना नदी उत्तराखंड में यमुनेत्री ग्लेशियर से निकलती हैं। इसलिए इसे यमुनोत्री नदी भी कहाँ जाता हैं, लेकिन अधिकतर लोग इसे जमुना नदी के नाम से जानते हैं।

यमुना नदी को जिन दूसरे नामों से जाना जाता हैं, वह इस प्रकार हैं-

यमुना नदी, जमुना नदी, जुमना नदी, जमना नदी, यमुनोत्री नदी, कालिंदजा अथवा कालिंदी

Yamuna Nadi Kahan Se Nikalti Hai

यमुना नदी भारत में उत्तराखंड राज्य के यमुनेत्री ग्लेशियर से निकलती हैं। यमुनेत्री ग्लेशियर, यमुनोत्री नामक स्थान पर स्थित हैं, तो यमुनोत्री नामक स्थान उत्तरखंड के उत्तरकाशी जिले में पड़ता हैं। उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री नामक स्थान पर एक मंदिर हैं। जिसकी ऊँचाई समुद्रतल से लगभग 3235 मी. ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर देवी यमुना का मंदिर है। यमुना नदी का नाम भी इसी मंदिर के नाम पर पड़ा।

यमुना नदी पश्चिमी हिमालय में उत्तराखंड में यमुनेत्री ग्लेशियर (गढ़वाल क्षेत्र) से निकलकर हिमालय की संकीर्ण घाटी में प्रवेश कर जाती हैं, चूँकि अधिक ऊँचाई से प्रवाहित होने के कारण यह हिमालयी क्षेत्र की संकीर्ण घाटी में बहुत ही तीव्र गति से उतरती हुई तथा अपनी पहाड़ी सहायक नदियों जैसे वदियर, कमलाद, वदरी अस्लौर जैसी छोटी और तोंस जैसी बड़ी पहाड़ी नदियों को आँचल में समेटती हुई आगे बढ़ती हैं। उसके बाद यह दून की घाटी में प्रवेश कर जाती हैं।

इसके बाद यह कुछ ओर छोटा छोटी सहायक नदियों को अपनी गोंद में समेटती हुई सहारनपुर जिले के फैजाबाद गांव के मैदान में बहती हैं, अंतत: दिल्ली और आगर में बहती हुई प्रयागराज में गंगा नदी में मिल जाती हैं।

Yamuna Nadi Kahan Bahti Hai

यमुना नदी यमुनेत्री ग्लेशियर से निकलकर उत्तराखंड में पश्चिमी हिमालय की संकीर्ण घाटियों में प्रवेश करती हैं और वहाँ की कुछ छोटी और बड़ी पहाड़ी सहायक नदियों को अपनी गोंद में समेटकर तीव्र गति से पश्चिमी हिमालय को छोड़कर दून की घाटी में बहती हैं, और फिर यह दिल्ली आगरा होते हुए प्रयागराज में गंगा नदी में मिलकर गंगा नदी तंत्र का हिस्सा बन जाती हैं।

वर्तमान में यमुना नदी उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में प्रवाहित हो रही हैं।

लेकिन वर्तमान में यमुना नदी जहाँ प्रवाहित हो रही हैं, वहाँ वह सदा से प्रवाहित नदी होती रही हैं। पौराणिक श्रोतों के अनुसार ऐसा माना जाता हैं, कि यमुना नदी हजारों सालों से अर्थात प्रचीन काल से ही विद्यमान रही हैं, लेकिन यह समय समय पर अपना रास्ता बदलती रही हैं। लेकिन दोस्तों अपने पूरे जीवन काल में यमुना नदी ने जितने रास्ते बदलते हैं, उनमें से कुछ की ही जानकारी मिल सकी हैं। जैसे-

  • प्रागेतिहासिक काल में यमुना नदी मधुबन के आसपास बहती थी।
  • कृष्ण काल में यमुना नदी कटरा केशव देव के निकट बहती थी।
  • वल्लभ सम्प्रदाय और वार्ता साहित्य के अनुसार यमुना नदी सारस्वत कल्प में जमुनावती गांव के पास प्रवाहित होती थी।
  • वर्तमान में यह उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्रवाहित होती हैं।

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यमुना नदी तंत्र | Yamuna Nadi Tantra

यमुना नदी पश्चिमी हिमालय के गणवाली क्षेत्र में यमुनेत्री ग्लेशियर से निकलती हैं। यमुना नदी कुछ पहाड़ी नदियों और कुछ अन्य नदियों को अपने अंदर समाहित करके एक नदी तंत्र का निर्माण करती हैं। उसी को यमुना नदी तंत्र कहते हैं, अर्थान यमुना नदी की मुख्य धारा में जो छोटी-छोटी सहायक नदियाँ आकर मिलती हैं, वह यमुना नदी तंत्र का निर्माण करती हैं।

दोस्तों यमुना नदी को गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी बनाने में इसकी सहायक नदियाँ का बहुत बड़ा योगदान हैं। इसलिए यमुना नदी की मुख्य सहायक नदियाँ कौन-कौन-सी हैं, नीचे आपको विस्तार से बताया गया हैं।

Yamuna Nadi Ki Sahayak Nadiyan

किसी भी नदी की मुख्य धारा को विशाल बनाने में उसकी सहायक नदियाँ का बहुत बड़ा योगदान रहता हैं। ठीक इसी प्रकार यमुना नदी को भी विशाल और तीव्र बनाने में इसकी सहायक नदियाँ का बहुत बड़ा योगदान हैं। यमुना नदी की भी कुछ सहायक नदियाँ हैं, जोकि इसके दायें तट और बाँये तट पर आकर मिलती हैं, जोकि इस प्रकार हैं।

यमुना नदी के दाँये तट पर आकर मिलने वाली सहायक नदियाँ-

  • चम्बल नदी, बेतवा नदी, केन नदी, सिंध नदी

यमुना नदी के बाँये तट पर आकर मिलने वाली सहायक नदियाँ-

  • टोंस नदी, हिंडन नदी, शारदा नदी, कुंता नदी, गिरी नदी, ऋषिगंगा, हनुमान गंगा

यमुना नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है?

टोंस नदी यमुना नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी हैं, जोकि इसके बाँये तट पर आकर मिलती हैं। टोंस नदी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में प्रवाहित हैं। यह उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के स्वर्गारोहिनी ग्लेशियर से निकलती हैं और यमुना नदी में मिल जाती हैं।

यमुना नदी कितने राज्यों से होकर गुजरती है?

यमुना नदी भारत के 4 राज्यों से होकर गुजरती हैं, जोकि इस प्रकार हैं।

  1. उत्तराखंड
  2. हरियाणा
  3. दिल्ली
  4. उत्तर प्रदेश

यमुना नदी को उत्तराखंड में पवित्र नदी माना जाता हैं। जब यह यमुनेत्री ग्लेशियर से निकलती हैं, तो वहाँ पर यमुनेत्री देवी मंदिर पर हिंदुओं द्वारा इस नदी को पूजा जाता हैं। और वहाँ पर तीर्थयात्री भी आते हैं।

Yamuna Nadi Ke Kinare Base Shahar

दोस्तों यमुना नदी के किनारे बसे शहर परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अक्सर परीक्षाओं में नदियों के किनारे बसे शहर का नाम पता कर लिया जाता हैं। यहाँ पर आपको यमुना नदी के किनारे बसे शहरों के नाम बतायें गये हैं।

यमुना नगर, मथुरा, नोएडा, फिरोजाबाद, इटाबा, हमीरपुर, बागपत, सहारनपुर, फैजाबाद, दिल्ली, मथुरा, आगरा, इटावा, कालपी, प्रयागराज आदि महत्वपूर्ण शहर यमुना नदी के किनारे बसे हुए हैं।

यमुना नदी दिल्ली के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

यमुना नदी दिल्ली के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शहर की लगभग 70% जल आपूर्ति प्रदान करती है, परिवहन मार्ग के रूप में कार्य करती है, हिंदू धर्म में एक पवित्र नदी के रूप में सांस्कृतिक महत्व रखती है, और पौधों और जानवरों के एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करती है। हालांकि, मानवीय गतिविधियों के कारण नदी गंभीर प्रदूषण और गिरावट का सामना कर रही है, जो शहर की जल आपूर्ति, सांस्कृतिक विरासत और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है।

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यमुना नदी पर बने बांध | Yamuna Nadi Par Bane Bandh

यमुना नदी पर कई बांध बनाए गए हैं, लेकिन बांध की परिभाषा के आधार पर बांधों की सही संख्या अलग-अलग होती है। सामान्य तौर पर, यमुना नदी पर तीन प्रमुख बांध हैं। जिनमें हरियाणा में हथनीकुंड बैराज, दिल्ली में ओखला बैराज और उत्तर प्रदेश में ताजेवाला बैराज शामिल हैं।

इन बांधों का उपयोग जल आपूर्ति, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और जल विद्युत उत्पादन सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त, यमुना नदी की सहायक नदियों पर कई छोटे बांध और बैराज बने हैं।

Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai Video

Conclusion

दोस्तों यमुना नदी भारत की एक महत्वपूर्ण नदी जो यमुनेत्री ग्लेशियर से निकलकर उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 1,376 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए गंगा नदी में विलय हो जाती हैं। यह जल आपूर्ति, परिवहन और सांस्कृतिक महत्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

हालांकि, नदी मानवीय गतिविधियों के कारण गंभीर प्रदूषण और गिरावट का सामना कर रही है, जो क्षेत्र की जल आपूर्ति, सांस्कृतिक विरासत और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बना हुआ है। इन मुद्दों को हल करने और यमुना नदी के स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए इसका ध्यान रखना चाहिए।

Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai FAQs

Yamuna नदी कितने राज्य से होकर गुजरती है?

यमुना नदी भारत के 4 राज्यों से होकर प्रवाहित होती हैं। जिनमें उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।

यमुना का दूसरा नाम क्या है?

यमुना नदी को कई दूसरे नामों से जाना जाता हैं। जिनमें जमुना नदी, यमुनोत्री नदी, कालिंदजा अथवा कालिंदी आदि शामिल हैं।

गंगा नदी की कुल लम्बाई कितनी है?

गंगा नदी उत्तराखंड में गंगोत्री ग्लेशियर से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती हैं। गंगा नदी कुल लंबाई 2525 किलोमीटर हैं।

यमुना नदी कहाँ से निकली है?

यमुना नदी उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नामक स्थान के यमुनेत्री ग्लेशियर से निकलती हैं, और भारत के राज्यों से प्रवाहित होती हुई गंगा नदी में विलय हो जाती हैं।

Final Words

मैं उम्मीद करता हूँ, आपको ये यमुना नदी की लंबाई कितनी हैं? (Yamuna Nadi Ki Lambai Kitni Hai) से जुड़ा पोस्ट बहुत ज्यादा पसंद आया होगा।

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जिससे आप अपने किसी भी एग्जाम की तैयारी अच्छे से कर सकें, धन्यवाद

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